अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. उनके कमरे से सुसाइड नोट बरामद हुआ है. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच जारी है.
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, “नरेंद्र गिरि जी ने आत्महत्या कर ली है. ये सूचना उनके शिष्य के द्वारा दी गई. इस पर तात्कालिक रूप से आईजी और अन्य लोगों ने मौके पर जाकर इसका परीक्षण किया. मौके से ये बताया गया है कि दरवाजा पूर्व में बंद था. अमूमन साढ़े तीन से चार बजे के बीच महंत जी खुद निकलते थे. जब वो नहीं निकले हैं तो उनके शिष्यों ने दरवाजा खटखटाया. दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब कोई मूवमेंट नहीं हुआ है तो उन्होंने दरवाजा तोड़ा था. जोकि अंदर से बंद था. और उन्होंने देखा कि महंत जी की बॉडी एक नाइलॉन के घागे से लटकी हुई है पंखे से और फिर वहां उसको पुलिस की मौजूदगी में उतारा गया है तथा मौके से एक सुसाइड नोट भी प्राप्त हुआ है जिसमें कि महंत जी ने आनंद गिरि तथा दो अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध आरोप लगाएं कि उनकी मौत के जिम्मेदार वही लोग हैं. इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने आनंद गिरि को उत्तरांचल पुलिस की सहायता से हरिद्वार में हिरासत में लिया है. एक स्पेशल टीम वहां भेजी जा रही है. जो पूर्ण सुरक्षा के बीच उसको लाएगी और आगे की पूछताछ इसमें की जाएगी.”
आनंद गिरि को पुलिस ने हिरासत में लिया
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की मौत के मामले में उत्तराखंड पुलिस की मदद से यूपी पुलिस ने आनंद गिरि को अपनी हिरासत में ले लिया है. हरिद्वार से आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया. आनंद गिरि ने कहा कि मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि गुरूजी की हत्या की जांच हो.
गृह मंत्री अमित शाह ने भी जताया शोक
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शोक जताते हुए कहा, “अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का पूरा जीवन अध्यात्म व धर्म के प्रचार, उत्थान व मानव सेवा को समर्पित रहा. उनके देवलोकगमन से हमने सनातन संस्कृति का एक देदीप्यमान नक्षत्र खो दिया है. ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें. ॐ शांति”